A Secret Weapon For संक्रामक रोग से बचने के उपाय



स्वास्थ्य मंत्री कातो कात्सुनोबु ने कोरोनावायरस मामलों की सरलीकृत रिपोर्टिंग प्रणाली के लाभ और हानि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि "इस प्रणाली को लागू करने वाली नगरपालिकाओं ने अन्य की तुलना में अपनी चिकित्सा तंत्र पर बोझ कम होने की सूचना दी है। लेकिन दूसरी ओर, नयी प्रणाली में संक्रमित लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति और संपर्क जानकारी दर्ज किये जाने की आवश्यकता समाप्त कर दी गयी है। रोगी की स्थिति बिगड़ने पर इन आँकड़ों के बिना उचित उपचार मुहैया कराने या अस्पताल में भर्ती होने की व्यवस्था करने में अधिक समय लग सकता है।" कातो ने कहा कि कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ उपायों को सुचारू ढँग से लागू करने के लिए उनका मंत्रालय नगर सरकारों के साथ मिलकर काम करते हुए इस प्रणाली में आवश्यकतानुसार सुधार करेगा। .

लेकिन नाकायामा का कहना है कि टीका लगने के कुछ ही दिन बाद अगर किसी बालक को साँस लेने में परेशानी या सीने में दर्द की शिकायत हो तो अभिभावक तुरंत ही उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएँ। ये दोनों ही हृदय की माँसपेशियों और उसके चारों तरफ की झल्ली में सूजन के लक्षण माने जाते हैं।

क्योतो विश्वविद्यालय के प्राध्यापक निशिउरा हिरोशि, स्वास्थ्य मंत्रालय के समिति सदस्य और गणितीय महामारी विज्ञान के विशेषज्ञ हैं। उनके अनुसार संक्रमण मामलों के चरम पर पहुँचने के बाद, उनमें धीमी और उत्तरोतर गिरावट होने की संभावना है, क्योंकि होक्काइदो की तरह संक्रमण प्रत्येक क्षेत्र में फैल रहा है।

तोहो विश्वविद्यालय के प्राध्यापक तातेदा काज़ुहिरो, सरकार की कोरोनावायरस सलाहकार समिति के सदस्य हैं। उनका check here कहना है कि अधिकारियों को यह मानते हुए कि बाह्य रोगी विभाग पर पड़ने वाला बोझ सातवीं लहर की तुलना में कहीं अधिक हो सकता है, सबसे बदतर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

जापान में इन्फ़्लुएंज़ा सर्दियों में फैलता है, लेकिन उष्णकटीबंधीय या उपोष्णकटीबंधीय दक्षिण-पूर्वी एशियाई और अफ़्रीकी देशों की घनी आबादी वाले इलाक़ों में इन्फ़्लुएंज़ा के मामले पूरे साल देखने को मिलते हैं।

टीबी फैलने से रोकथाम कैसे की जा सकती है?

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प्रत्युत्तर में विशेषज्ञ समिति ने कहा कि संक्रमण के इस दुहरे उछाल से निपटने के लिए उचित उपाय आवश्यक हैं।

राजयक्ष्मा (तपेदिक, टी.बी.), कोरोना तथा ऊपरी व निचले श्वसन-पथ के विभिन्न संक्रमण।

लेकिन अधिकारियों का कहना है कि कुछ जगहों पर “निकट संपर्क" के विषय में अपने स्वयँ के नियम हैं इसलिए समुचित स्पष्टीकरण हेतु लोगों को अपने नियोक्ताओं और विद्यालयों से संपर्क करना चाहिए।

इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि जब किसी को एमआरएनए टीके की एक ख़ुराक दी जाती है तो ऐसा कोई ख़तरा नहीं है कि एमआरएनए के अनुवंशिक गुण लंबे समय तक शरीर में बने रहेंगे या ये गुण शुक्राणु या अंडाणु के अनुवंशिक कूट तक पहुँचेंगे।

संक्रामक रोगों की उदभवन अवधि से क्या आशय है?

टीकाकरण निःशुल्क है और पूर्ण रूप से सरकारी ख़र्च पर है।

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